दूसरों के विषय में टिप्पणी करना तो काफी सरल रहता है लेकिन जब अपनी बात आती है तो बताना काफी कठिन हो जाता है। खैर... मैं रजनीश राज। पिता स्व. ऋषि शंकर वैश्य। थियेटर और फिल्म के ख्याति प्राप्त कलाकार। दूरदर्शन लखनऊ में कार्यरत थे। इस नाते बचपन से कला- संस्कृति के प्रति झुकाव रहा। लेखन की रुचि छात्र जीवन से रही। इस दौरान विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में लिखने का दौर भी चलता रहा। स्वतंत्र भारत में सौ के करीब रचनाओं का प्रकाशन हुआ। आकाशवाणी और दूरदर्शन लखनऊ में भी सक्रियता रही।
लखनऊ विश्वविद्यालय पीजीडीपीआरए (जनसम्पर्क एवं विज्ञापन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा) किया। इस समय तक लखनऊ से प्रकाशित होने वाले हिन्दी दैनिक स्वतंत्र चेतना से जुड़ गया था। कुछ माह बाद ही जब हिन्दुस्तान लखनऊ का प्रकाशन शुरू हुआ तो इस टीम का एक छोटा हिस्सा बना। इस संस्थान में काम करने का काफी मौका मिला। हिन्दुस्तान लखनऊ के बाद जनसत्ता एक्सप्रेस लखनऊ काम करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वर्तमान में मैं हिन्दी दैनिक डेली न्यूज़ ऐक्टिविस्ट में मुख्य उप सम्पादक के रूप में कार्यरत हूं। फिल्म और पुस्तक समीक्षा करने में भी मेरी रूचि रही है।
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